जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के 40वें दिन बाद भी कश्मीर में जनजीवन प्रभावित है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के बाद से राज्य के प्रमुख नेता नज़रबंद हैं. हाईकोर्ट ने नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसदों को पार्टी नेताओं से मिलने के बाद मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं दी है.
विपक्ष ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम जल्दबाजी में लाया गया है. करीब एक महीने बाद सरकार ने तीन पन्ने का शुद्धि पत्र लाते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून में सुधार करने की घोषणा की.
राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके के संस्थापक वाइको ने अपनी याचिका में कहा कि फारूक अब्दुल्ला पर कार्रवाई पूरी तरह से अवैध और मनमानी है. ये उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है.
कश्मीर में मानवाधिकार स्थिति को लेकर अमेरिका के दो सांसदों ने चिंता जाहिर करते हुए विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से अपील की है कि वह कश्मीर में संचार माध्यमों को तत्काल बहाल करने और हिरासत में लिए गए सभी लोगों को छोड़ने के लिए भारत सरकार पर दबाव डालें.
अधिकारियों ने बताया कि वाणिज्यिक केंद्र लाल चौक और आसपास के इलाकों के सभी प्रवेश द्वारों को कंटीले तारों से बंद कर दिया गया है और भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं.
असम के गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद के 68वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत सरकार किसी भी अवैध प्रवासी को देश में रहने की अनुमति नहीं देगी. यह हमारी प्रतिबद्धता है.
अधिकारियों ने कहा कि लाल चौक के वाणिज्यिक केंद्रों और आस-पास के इलाकों को सभी प्रवेश स्थलों पर तारबंदी कर पूरी तरह से सील कर दिया गया है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद पहली बार कुछ चुनिंदा पत्रकारों से बात करते हुए एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि लोग इंटरनेट के साथ पैदा नहीं हुए थे. हमारे लिए लोगों के जीवन के अधिकार की रक्षा करना और उन्हें सुरक्षित रखना अधिक महत्वपूर्ण है.
वीडियो: केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए हुए एक महीने हो गए. एक महीने बाद कश्मीर के के हालात बता रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत ने आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
यह मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर का है. माकपा नेता शेख अब्दुल गनी 'धारा 370- सेतु या सुरंग' नाम की किताब को बेच रहे थे, जिसके लेखक मध्य प्रदेश की माकपा इकाई के प्रमुख जसविंदर सिंह हैं.
वीडियो: जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीनने के बाद उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र सरकार के फैसले पर लद्दाख में लेह के लोग जहां खुश हैं, वहीं कारगिल के लोग विरोध में हैं. हालांकि नौकरी और ज़मीन की सुरक्षा को लेकर लेह और कारगिल दोनों जगह के लोग चिंतित हैं.
वीडियो: जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के केंद्र सरकार के फैसले पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने कश्मीर के सिख समुदाय के लोगों से बातचीत की.
वीडियो: जम्मू कश्मीर पर देश के बड़े मीडिया संस्थानों की एकतरफ़ा रिपोर्टिंग पर वहां के लोगों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.