इस मामले में कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को तत्काल स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए और जब तक जांच चलती है तब तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से हट जाना चाहिए.
एंटी-नेशनल, भारत विरोधी जैसे शब्द आपातकाल के सत्ताधारियों की शब्दावली का हिस्सा थे. आज कोई और सत्ता में है और अपने आलोचकों को देश का दुश्मन बताते हुए इसी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है.
अरुण जेटली को एनडीए बनाम यूपीए सरकार के झगड़े से निकलकर भूमंडलीय आर्थिक खतरों के काले बादलों पर ध्यान लगाना चाहिए. यह पिछली सरकार के प्रदर्शन से तुलना करके अपनी पीठ थपथपाने का वक्त नहीं है.
उपसभापति के लिए हुए चुनाव में एनडीए उम्मीदवार हरिवंश को 125 मत मिले जबकि विपक्षी उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को 105 मत मिले.
वित्त मंत्रालय ने भारी तंगी का सामना कर रहे बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने का फैसला किया है. नीरव मोदी घोटाले का शिकार पंजाब नेशनल बैंक को सबसे ज्यादा 2,816 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी.
2012 में अरुण जेटली ने कहा था कि रिटायरमेंट के फौरन बाद जजों को किसी नए सरकारी पद पर नियुक्त करना न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए ख़तरनाक हो सकता है, लेकिन उनकी इस सलाह को उनकी ही सरकार में कोई तवज्जो नहीं दी गई है.
हमारी राष्ट्रीय राजनीति और भाजपा कांग्रेस विरोधी आंदोलन यानी प्रतिरोध का ही नतीजा हैं, लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता. ख़ुद भाजपा भी नहीं. वे चाहते हैं कि हम इमरजेंसी के बारे में जानें लेकिन उतना, जितने से उन्हें नुकसान न पहुंचे.
स्विस बैंकों में भारतीयों के पैसों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले जो धन ‘काला’ हुआ करता था वो 49 महीनों में ‘सफेद’ हो गया है.
भारतीयों की स्विस बैंकों में जमा रकम में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर मोदी सरकार ने सफाई दी है. जहां अरुण जेटली ने कहा है कि स्विस बैंकों में जमा सारे पैसे गैरक़ानूनी नहीं है, तो वहीं पीयूष गोयल ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के समय में शुरू की गयी उदारीकृत रेमिटेंस (धन बाहर भेजने की) योजना से संभवत: भारतीयों की जमा में इजाफा हुआ है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर दी जानकारी, बताया- मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम पारिवारिक वजहों से अमेरिका लौट रहे हैं.
आज जिन लोगों को अरुण जेटली ‘संस्थानिक बाधा’ बता रहे हैं, उन्हें यूपीए-2 के शासनकाल के समय भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने पर भाजपा ने सिर-आंखों पर बिठाया था.
नोटबंदी से पहले तक तो जनता ये कल्पना भी नहीं करती थी कि कभी उसे बैंकों में जमा अपना ही धन पाने में इतनी समस्याएं पेश आएंगी और सरकार के झूठे आश्वासन जले पर नमक छिड़कते नज़र आएंगे.
जन गण मन की बात की 227वीं कड़ी में विनोद दुआ देश के कई राज्यों में नकदी की समस्या और भाजपा नेताओं द्वारा एनपीए को लेकर किए गए दावे पर चर्चा कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि नकदी की कमी से देश फिर से ‘नोटबंदी के आतंक’ की गिरफ़्त में है. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि दो-तीन दिन में समस्या सुलझा ली जाएगी.
जन गण मन की बात की 222वीं कड़ी में विनोद दुआ अरुण जेटली और सदन में गतिरोध पर चर्चा कर रहे हैं.