सुप्रीम कोर्ट संविधान की प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्षता' और 'समाजवादी' शब्दों को शामिल करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुन रहा है. सुनवाई में एक टिप्पणी करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता को हमेशा संविधान की मूल संरचना का हिस्सा माना गया है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए दो बच्चों का मानदंड बनाने संबंधी अपील ख़ारिज कर दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव से भीड़ हिंसा और नफ़रत भरे भाषण जैसी अप्रिय स्थितियों को रोकने के लिए निवारक, सुधारात्मक और उपचारात्मक उपायों के संबंध में उसके पूर्व के दिशानिर्देशों के अनुपालन को लेकर राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से सूचना एकत्रित कर कोर्ट को इसकी जानकारी देने को कहा है.
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक याचिका में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के लिए राष्ट्रीय आयोग अधिनियम-2004 की धारा-2 (एफ) की वैधता को चुनौती दी है. इसके जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि राज्य सरकारें भी अपने राज्य की सीमा में हिंदू समेत अन्य धार्मिक और भाषाई समुदायों को अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं.
वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक याचिका में मांग की है कि विधि आयोग को ‘सांविधिक संस्था’ घोषित कर एक महीने के भीतर इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की जाए. उपाध्याय का कहना है कि सितंबर 2018 से विधि आयोग नेतृत्वविहीन है और काम नहीं कर रहा है.
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने एक जनहित याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें अदालत ने देश की बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए दो बच्चों के नियम समेत कुछ कदमों को उठाने की मांग करने वाली उनकी याचिका ख़ारिज कर दी थी.
भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में राष्ट्रीय औसत की बजाय राज्य में किसी समुदाय की आबादी के आधार पर उसे ‘अल्पसंख्यक’ परिभाषित करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है.