फुटबॉल में भारत का शानदार इतिहास होने के बाद भी ये खेल आज न तो लोगों के दिलों में है और न ही मैदान में अपनी स्वर्णिम विरासत को आगे लेकर बढ़ पाया है. शायद देश ने फुटबॉल को भुला दिया है, या यूं कहें कि ये खेल राजनीति की भेंट चढ़ गया है.
चुन्नी गोस्वामी 1962 के एशियाई खेल की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम के कप्तान रहे थे. एक क्रिकेटर के तौर पर उन्होंने 1962 और 1973 के बीच 46 प्रथम श्रेणी मैचों में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया था.
1962 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता रहे पीके बनर्जी भारतीय फुटबॉल के स्वर्णिम दौर के साक्षी रहे थे. उन्होंने भारत के लिए 84 मैच खेलकर 65 गोल किए. पीके बनर्जी अर्जुन पुरस्कार पाने वाले शुरुआती लोगों में से एक थे. साल 1990 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.