इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, असम, सिक्किम, मेघालय, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के प्रमुख समाचार.
भाजपा ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि कार्यालय आने वाले पत्रकार कभी-कभार वहां के फोन का इस्तेमाल करते हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम और सिक्किम के प्रमुख समाचार.
30 जुलाई को एनआरसी का अंतिम मसौदा जारी होने के बाद चुनाव आयोग ने कहा था कि एनआरसी से नाम हटने का का मतलब मतदाता सूची से नाम हटना नहीं है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय के प्रमुख समाचार.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एनआरसी की विश्वसनीयता जांचने के लिए नमूना सर्वेक्षण कराना चाहते हैं. यह वेरिफिकेशन सर्वे उन दस फीसदी लोगों का होगा जिनकी जांच हो चुकी है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के कई नेता असम में एनआरसी की अंतिम सूची आने से पहले ही 40 लाख लोगों को घुसपैठिया बता चुके हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर ने कहा, ‘देश को धर्मशाला नहीं बनने देंगे, घुसपैठियों को देश से निकाल देंगे.’
जन गण मन की बात की 284वीं कड़ी में विनोद दुआ एनडीटीवी के एक स्टिंग ऑपरेशन में मॉब लिंचिंग के दो आरोपियों के अपराध स्वीकारने और नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा कर रहे हैं.
असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी ने कहा कि एनआरसी को आधार से जोड़ा जाना चाहिए जिससे भारत में विदेशी नागरिकों का एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर बसना भी मुमकिन न हो पाए.
असम की पहली महिला मुख्यमंत्री सैयदा तैमूर पिछले कुछ सालों से आॅस्ट्रेलिया में रह रही हैं. उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक है कि मेरा नाम सूची में नहीं है.
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर भाजपा पूरे देश में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने को तैयार है. लेकिन सही मायने में केंद्र सरकार को देश की जनता एवं संसद को यह बताना चाहिए कि उसकी कार्ययोजना इस सूची से बाहर किए गए 40 लाख लोगों को लेकर क्या रहेगी.
असम में एनआरसी मसौदा जारी होने के बाद से भाजपा नेता देश के विभिन्न राज्यों में एनआरसी की मांग कर रहे हैं. वहीं भाजपा महासचिव राम माधव का कहना है कि देश भर से रोहिंग्या घुसपैठियों को डिपोर्ट किया जाएगा.
असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 के तहत मतदाता के पंजीकरण के लिए तीन जरूरी अनिवार्यताओं में आवेदक का भारत का नागरिक होना, न्यूनतम आयु 18 साल होना और संबद्ध विधानसभा क्षेत्र का निवासी होना शामिल है.