अशोका यूनिवर्सिटी: ‘गवर्निंग बॉडी के दख़ल के चलते स्कॉलर डर के माहौल में काम करने को मजबूर’

अशोका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के शिक्षक सब्यसाची दास ने एक रिसर्च पेपर में 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘हेरफेर’ की संभावना ज़ाहिर की थी, जिस पर विवाद के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया. अब अर्थशास्त्र विभाग ने कहा है कि इस पेपर पर विश्वविद्यालय की गवर्निंग बॉडी की प्रतिक्रिया संस्थागत उत्पीड़न है.

सब्यसाची दास के बाद अशोका यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग से एक अन्य प्रोफेसर का इस्तीफ़ा

हाल ही में हरियाणा स्थित निजी अशोका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर सब्यसाची दास ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. वह एक शोध-पत्र के लिए चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में ‘हेरफेर’ की संभावना का आरोप लगाया था. यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने कहा कि अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर पुलाप्रे बालाकृष्णन ने सब्यसाची के साथ ‘एकजुटता दिखाते हुए’ इस्तीफ़ा देने का फैसला किया है.

2019 के चुनावों में संभावित ‘हेरफेर’ संबंधी शोध-पत्र के लेखक का अशोका यूनिवर्सिटी से इस्तीफ़ा

हरियाणा के सोनीपत स्थित निजी अशोका यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर सब्यसाची दास ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. वह एक शोध-पत्र के लिए चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में ‘हेरफेर’ की संभावना का आरोप लगाया था, जिसके बाद भाजपा 2014 की तुलना में अधिक अंतर के साथ सत्ता में वापस आई थी.