यूएनसीएचआर का यह बयान दिल्ली हाईकोर्ट में वसंत विहार के निवासियों द्वारा दायर एक याचिका की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें दावा किया गया है कि इसके कार्यालय के पास शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की भीड़ के कारण उन्हें असुविधा हो रही है.
इंग्लैंड में रहने वाले तंजानियाई मूल के अब्दुलरजाक गुरनाह यूनिवर्सिटी ऑफ केंट के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं. स्वीडिश अकादमी ने इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा, 'सत्य के प्रति गुरनाह की निष्ठा और सरलीकरण को लेकर उनका विरोध अद्भुत है. उनके उपन्यास रूढ़िबद्ध विवरणों से परे हैं और सांस्कृतिक रूप से वैविध्यपूर्ण पूर्वी अफ्रीका को हमारे सामने लाते हैं, जिससे दुनिया के अन्य हिस्सों के लोग अपरिचित हैं.'