दुनियाभर के 15 से अधिक देशों के भारतीय प्रवासियों और 30 अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह भारत में मानवाधिकारों पर बढ़ रहे हमलों की निंदा की. इन समूहों ने उन क़ानूनों को रद्द करने की वकालत की, जो मानवाधिकार रक्षा का अपराधीकरण कर रहे हैं और देश के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल में डाल रहे हैं.