सीजेआई रमना ने न्यायिक बुनियादी ढांचे के ‘अस्थायी, अनियोजित’ सुधार पर नाराज़गी जताई

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि कई अदालतों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं. वे जर्जर इमारतों में काम कर रही हैं. सिर्फ़ पांच प्रतिशत अदालत परिसरों में ही मूलभूत चिकित्सा सुविधाएं हैं. वहीं 26 प्रतिशत अदालत परिसरों में महिलाओं के लिए अलग शौचालय नहीं हैं और 16 प्रतिशत में पुरुषों के लिए शौचालय नहीं हैं. उन्होंने कहा कि केवल 54 प्रतिशत अदालत परिसरों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था है.

कोरोना: बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा- अख़बार बांटने के बारे में चलताऊ बयान न दें

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं की घरों तक पहुंच सेवा पर रोक लगा दिया था. अदालत के हस्तक्षेप के बाद सरकार को अपने फैसले में संशोधन करना पड़ा था.

सीएए विरोधी शांतिपूर्ण आंदोलन करने वाले राष्ट्रद्रोही और गद्दार नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ होने वाले एक प्रदर्शन पर धारा 144 के तहत रोक लगाने वाले आदेश को रद्द करते हुए कहा कि देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता विरोध प्रदर्शनों के ज़रिये ही मिली थी.