लोकसभा चुनाव के बाद सुर्ख़ियों से नदारद हुए अयोध्या में अब क्या हो रहा है?

मीडिया के एक बड़े हिस्से द्वारा लोकसभा चुनाव के बाद अयोध्या को अपनी ख़बरों व चर्चाओं से बाहर का रास्ता दिखा देने के बीच बीते दिनों अवध विश्वविद्यालय की कुलपति फेसबुक पर मुहर्रम की 'मुबारकबाद' देती नज़र आईं, तो शहर के नामचीन साकेत डिग्री कॉलेज के गेट पर सेना का टैंक स्थापित कर दिया गया.

रामकथा का वर्षा कांड: अयोध्या का महल टपक रहा है

'मैं अयोध्या आ गया हूं. लेकिन लग रहा है वनवास अभी तक ख़त्म नहीं हुआ है. जब वन में रहता था, पावस ऋतु में कुटिया की छत टपकती थी और अब इस तथाकथित भव्य मंदिर में भी भीग रहा हूं.'

अयोध्या में ज़मीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त: राम नाम की लूट है…

राम मंदिर निर्माण आरंभ होने के वक़्त से ही भूमि सौदों में भ्रष्टाचार को लेकर अयोध्या सुर्ख़ियों में आती रही है, हालांकि इस शहर में धर्म के नाम पर ज़मीन के सौदों में भ्रष्टाचार या लूट की जड़ें बहुत पुरानी हैं.

‘हिंदू समाज ने राजनीतिक ग़ुलामी भोगी, लेकिन वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसा कायर कभी नहीं रहा’

पुस्तक अंश: जो अपने घोषित सिद्धांतों पर नहीं टिक सकता और जो सुविधा के मुताबिक सिद्धांत बदलता रहता है वह कायर है या वीर?

राहुल गांधी का राम मंदिर आंदोलन को हराने की बात कहना यथार्थ से अधिक इरादे का बयान है

राहुल गांधी का यह कहना कि 'हमने राम मंदिर आंदोलन को हरा दिया है, वही लाल कृष्ण आडवाणी ने जिसका नेतृत्व किया था,' विचारधारात्मक चेतावनी है. असल लड़ाई उस विचारधारा से है जिसने राम जन्मभूमि आंदोलन को जन्म दिया. यानी संघर्ष आरएसएस के हिंदू राष्ट्र के विचार से है.

अयोध्या की रंगत बदलने की सरकारी क़वायद के पीछे रहवासियों की भलाई का भाव नहीं है

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा कमीशन किए गए भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान का अध्ययन बताता है कि राज्य सरकार 85,000 करोड़ रुपये के निवेश से वर्ष 2033 तक अयोध्या को ‘दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों में से एक’ बनाने को ‘तैयार’ है. हालांकि, अयोध्यावासी पिछले कामों का हश्र देखने के बाद आशान्वित नहीं हैं.

निरंतर हादसों से जूझते भारतीय उनकी ज़िंदगी को दूभर बनाती राजनीति के साथ क्यों खड़े हैं?

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: धर्म और सांप्रदायिकता की राजनीति ने एक बेहद ग़ैर-ज़िम्मेदार अर्थव्यवस्था को पोसा-पनपाया है जिसके लिए सामान्य नागरिक की ज़िंदगी का कोई मोल नहीं है.

अयोध्या: बारिश में राम पथ क्षतिग्रस्त होने के बाद पीडब्ल्यूडी, जल निगम के छह कर्मचारी निलंबित

उत्तर प्रदेश सरकार ने 14 किलोमीटर लंबे राम पथ के निर्माण और सैरगाह के नीचे सीवरलाइन बिछाने में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और उत्तर प्रदेश जल निगम के छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. 23 जून और 25 जून की रात हुई बारिश के बाद राम पथ क्षतिग्रस्त हो गया था.

लोकसभा के नतीजों से पता चलता है कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का विचार उचित है. भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है, यह बात चुनाव के नतीजों से ही पता चलती है.

अयोध्या: राम मंदिर का निर्माण सवालों के घेरे में, मुख्य पुजारी ने बारिश में टपकती छत का मुद्दा उठाया

उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर में उद्घाटन के पांच महीने बाद ही पहली ही बारिश में छत से पानी का रिसाव होने लगा है. मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि छत से टपकने वाला बारिश का पानी मंदिर के गर्भगृह में जमा हो रहा है और इसे बाहर निकालने का कोई रास्ता नहीं है.

अयोध्या में भाजपा की डैमेज कंट्रोल की कवायदें भी डैमेज हुई जा रही हैं!

राम मंदिर की ओर जाने वाले पथों के निर्माण व चौड़ीकरण के काम में दुकानों व प्रतिष्ठानों की तोड़-फोड़ से विस्थापित जिन व्यवसायियों के आक्रोश को लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार का बड़ा कारण बताया जा रहा है, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चुनावी नतीजों के बाद अचानक सोते से जागकर उनकी सुध लेनी शुरू की तो उसे डैमेज कंट्रोल के उसके सबसे सकारात्मक कदम के रूप में देखा गया था.

अयोध्या: हार से सबक लेने के वक़्त स्वयंभू हिंदुत्ववादी बौखलाए हुए क्यों हैं?

फ़ैज़ाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार के बाद अयोध्यावासियों के आर्थिक बहिष्कार के आह्वान से लेकर वर्तमान सांसद की मृत्युकामना तक जिस तरह अभिव्यक्ति की सीमाएं लांघी जा रही हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. शायद इसलिए कि हिंदुत्ववादियों के स्वार्थों को इतनी गहरी चोट लगी है कि समझ नहीं पा रहे कि करें तो क्या करें?

एनसीईआरटी की 12वीं की नई किताब से मिटा दिया गया बाबरी मस्जिद का नाम

एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की राजनीतिक विज्ञान की किताब में बाबरी मस्जिद को 'तीन गुंबद वाली संरचना' बताया गया है. पहले इस किताब में अयोध्या खंड चार पृष्ठ में था, जिसे घटाकर अब दो पृष्ठ में समेट दिया गया है. नए संस्करण से कई अन्य महत्वपूर्ण विवरण भी हटाए गए हैं.

यूपी में बहुत पहले तय हो चुकी थी भाजपा की हार

राजधानियों में बैठे विश्लेषकों और वाचाल एंकरों के लिए गांव की भाषा व राजनीतिक मुहावरे पहले भी अबूझ रहे हैं और इस बार भी अबूझ रहे. वे न इन आवाजों को सुन पाए, न समझ पाए.

भाजपा के शुभचिंतक उत्तर प्रदेश के मतदाताओं के निर्णय को स्वीकार क्यों नहीं पा रहे हैं

जहां भाजपा सपा (और कांग्रेस) द्वारा उत्तर प्रदेश में उसे दी गई गहरी चोट को ठीक से सहला तक नहीं पा रही, उसके शुभचिंतक बुद्धिजीवी और विश्लेषक ‘मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त’ की तर्ज पर इस चोट को साधारण क़रार देने के लिए एक के बाद एक कुतर्क गढ़ रहे हैं.