अयोध्या में विवादित भूमि को लेकर अगले सप्ताह सुनाए जाने की संभावना है, क्योंकि चीफ जस्टिस रंजन गोगाई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. पूरे राज्य सहित 78 बड़े स्टेशनों तथा ट्रेनों में चौकसी बढ़ा दी है. अर्द्धसैनिक बलों के करीब 4,000 जवानों को भेजा गया है.
'गांधी के रामराज्य के बारे में तुम क्या जानते हो? गांधी के राम के बारे में ही तुम क्या जानते हो? वैसे तुलसी के राम के बारे में ही तुम क्या जानते हो? सावरकर हो या गोलवलकर, उनके हिंदू राष्ट्र का हमारे रामराज्य से क्या लेना-देना?'
उत्तर प्रदेश शिया वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी का कहना है कि अयोध्या विवाद के समाधान के बाद ऐसे और मसले उठ खड़े होंगे क्योंकि देश में ऐसे ग्यारह और विवादित स्थल हैं. इसलिए पूर्वजों की गलतियां सुधारते हुए मुस्लिमों को देश में शांति के लिए इन्हें हिंदुओं को दे देना चाहिए.
उच्चतम न्यायालय ने बीते 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी कर ली. न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और यह एक महीने के अंदर आने की उम्मीद है.
सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को छोड़कर मामले के अन्य मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में बयान दाखिल कर कहा है कि वे उन प्रस्तावों को स्वीकार नहीं करते हैं, जो मीडिया में लीक हुए हैं.
अयोध्या विवाद के फ़ैसले के मद्देनज़र न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने सभी चैनलों से कहा है कि वे इस मामले की ख़बर देते समय सतर्कता बरतें और तनाव पैदा करने वाली भड़काऊ बहसों से दूर रहें.
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड ने यह सुलहनामा मध्यस्थता समिति के सदस्य श्रीराम पंचू के ज़रिये दाख़िल किया है.
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई करते हुए आखिरी समय में हस्तक्षेप को लेकर दाखिल किए गए एक आवेदन को अस्वीकार करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा कि इस मामले में बहस शाम 5 बजे समाप्त हो जाएगी.
अयोध्या मामले के संभावित फैसले के अलावा दीपोत्सव, चेहल्लुम और कार्तिक मेले को लेकर धारा 144 दो महीने तक अयोध्या जिले में लागू रहेगी.
अदालत बाबरी मस्जिद ढहाने की साजिश रचने के मुकदमे की सुनवाई कर रही है, जिसमें कल्याण सिंह के अलावा भाजपा नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती तथा अन्य को आरोपी बनाया गया है.
बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को समन जारी कर 27 सितंबर को तलब किया है.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने धमकी देने का आरोप लगाते हुए पूर्व सरकारी अधिकारी एन. षणमुगम और राजस्थान निवासी संजय कलाल बजरंगी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी.
सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के माध्यम से मध्यस्थता का सहारा लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन मामले में दिन-प्रतिदिन सुनवाई जारी रहेगी.
शीर्ष अदालत ने रजिस्ट्री से यह भी जानना चाहा कि अगर ऐसा करना संभव हो तो इसके लिए कितना समय चाहिए.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने इससे पहले उन्हें धमकी देने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ शीर्ष अदालत में अवमानना याचिका दायर की थी. धवन की याचिका पर कार्रवाई करते हुए अदालत ने दोनों व्यक्तियों को नोटिस जारी किए थे.