गुजरात के एक अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी दो मरीज़ों की एंजियोप्लास्टी के बाद मौत हुई थी. मामले की जांच में पता चला है कि इन मरीजों को एंजियोप्लास्टी की ज़रूरत नहीं थी पर अस्पताल ने पैसा बनाने के उद्देश्य से इस सर्जरी की योजना बनाई थी.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत लाखों फ़र्ज़ी गोल्डन कार्ड बनाए गए. अधिकतर मामले गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पंजाब के अस्पतालों में हुए. अकेले गुजरात सरकार ने 15 हज़ार फ़र्ज़ी कार्ड रद्द किए, पर अब भी पांच हज़ार कार्ड फ़र्ज़ी होने की आशंका है.