सुल्तानपुर सत्र न्यायालय ने 1982 में एक व्यक्ति को अपने भतीजे की हत्या में उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.
एक साहूकार के कथित रूप से परेशान करने के कारण एक व्यक्ति ने पत्नी-बच्चों समेत कलेक्ट्रेट परिसर में आत्मदाह किया था, बाला ने इससे जुड़ा कार्टून बनाया था.