पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री मलिक अमीन असलम ने कहा कि बालाकोट में जो भी हुआ उसे पर्यावरणीय आतंकवाद ही कहा जाएगा. एयर स्ट्राइक की वजह से उस इलाके में दर्जनों पेड़ों को नुकसान पहुंचा है और गंभीर पर्यावरणीय क्षति हुई है.
विदेश मामलों की स्थायी संसदीय समिति के सूत्रों ने कहा कि विदेश सचिव ने 26 फरवरी को बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर में मारे गए आतंकवादियों की संख्या के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया.
पाकिस्तान का दायित्व है कि वो अपनी ज़मीन पर पनप रहे आतंकी समूहों के ख़िलाफ़ कदम उठाए. प्रधानमंत्री इमरान खान को यह समझना होगा कि उनके ऐसा न करने की स्थिति में बातचीत के प्रस्ताव से कुछ हासिल नहीं होगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बालाकोट में हवाई हमलों के बाद हमें बताया गया कि 300 मौतें हुईं, लेकिन मैंने कई ऐसी ख़बरें पढ़ीं जिनमें कहा गया कि कोई इंसान नहीं मारा गया.
भारतीय प्रधानमंत्री ने 'पायलट प्रोजेक्ट' वाला बयान देकर साबित किया कि घृणा से गढ़े गए स्वभाव की तुच्छता किसी भी क्षण की गंभीरता और किसी पद की गरिमा से बाधित नहीं होती.
कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों की ओर से कहा गया कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है.
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के पाकिस्तान के प्रयास को विफल कर दिया गया. एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को मार गिराया गया. पाकिस्तान ने दो भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव को लेकर एयर वाइस मार्शल कपिल काक और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पाकिस्तानी सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने बताया कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी को भारतीय विज्ञापनों पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के आधिकारिक बयान में कहा गया कि बुधवार को पाकिस्तानी वायुसेना ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में रहते हुए नियंत्रण रेखा के पार हमला किया जिसका मक़सद अपने हक़ और आत्मरक्षा की क्षमता को दिखाना था.
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा ने कहा कि यह हमला कोई सैन्य कार्रवाई नहीं था बल्कि ऐहतियातन उठाया गया कदम था, जिसका मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था. इस आतंकी शिविर का चयन यह ध्यान में रखते हुए किया गया था कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे.