बार काउंसिल ने वकीलों के संगठनों से नए आपराधिक क़ानूनों का विरोध न करने को कहा

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि उसे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के ख़िलाफ़ विभिन्न बार एसोसिएशन और काउंसिल से विरोध-पत्र प्राप्त हुए हैं.

‘विदेशी वकील और क़़ानूनी फर्म सिर्फ़ अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों पर क्लाइंट को सलाह दे सकते हैं’

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बीते 10 मार्च को विदेशी वकीलों और क़ानूनी फर्मों के लिए भारत में प्रवेश के द्वार खोल दिए थे. नियमों को उपजी ग़लतफ़हमियों के बाद काउंसिल ने कहा है कि विदेशी वकीलों और क़ानूनी फर्मों को केवल ग़ैर-मुक़दमेबाजी वाले क्षेत्रों में कार्य करने की अनुमति दी जाएगी.