द्रमुक के प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा कि यह कितनी अभद्र राजनीति है, इसकी तुलना नहीं की जा सकती. भाजपा ने राजनीतिक नियमों को रौंद दिया है, राज्यपाल को कठपुतली बना दिया, सत्ता में आने के लिए राष्ट्रपति कार्यालय का भी इस्तेमाल किया. क्या यह छलकपट नहीं है?