बीते 22 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग द्वारा 25,753 शिक्षकों और ग़ैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया. इसे चुनौती देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि इन कर्मचारियों की सेवाओं को अचानक समाप्त कर राज्य में स्कूली शिक्षा को संकट में डाल दिया है, जिससे शिक्षा प्रणाली के लगभग ठप हो जाने का ख़तरा है.