कर्नाटक के दक्षिणपंथी समूह भारत रक्षा वेदिके ने बेंगलुरु सहित राज्य के कई हिस्सों में घर-घर जाकर लोगों से मुस्लिम कैब ड्राइवरों की सेवाएं नहीं लेने को कहा है, विशेष रूप से हिंदू मंदिर या तीर्थयात्रा के दौरान ऐसा नहीं करने की अपील की गई है. राज्य में बीते कुछ हफ्तों में दक्षिणपंथी समूहों ने मुस्लिमों और उनकी आजीविका को निशाना बनाया है.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की हिंदू जनजागृति समिति के समन्वयक चंद्रू मोगर ने तीन दिन पहले हिंदुओं को सिर्फ हिंदू विक्रेताओं से ही फल खरीदने का आग्रह किया था ताकि फल कारोबार में मुस्लिमों का एकाधिकार समाप्त किया जा सके. इसके बाद से चार सामाजिक कार्यकर्ता सांप्रदायिक घृणा और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए मोगर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने के प्रयास में लगे हैं.
संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक ने ‘द वेल्थ रिपोर्ट 2022’ के अनुसार, 2021 में भारत में अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि बेंगलुरु में देखी गई. वहां इनकी संख्या 17.1 प्रतिशत बढ़ी है, इसके बाद दिल्ली में 12.4 प्रतिशत तथा मुंबई में नौ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.
बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पर कुलियों के विश्राम के लिए बने पर इस्तेमाल में न आने वाले कमरे में लंबे समय से मुस्लिम श्रमिकों द्वारा नमाज़ पढ़ी जा रही थी. अब हिंदू जनजागृति समिति ने इस पर आपत्ति जताए हुए इसे 'साज़िश का हिस्सा' बताया है.
मुंबई पुलिस ने बताया कि सिख समुदाय से संबंधित नामों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया गया कि ये ट्विटर हैंडल उस समुदाय के लोगों द्वारा बनाए गए हैं. ‘बुली बाई’ ऐप के ज़रिये जिन महिलाओं को निशाना बनाया गया, वे मुस्लिम थीं, इसलिए ऐसी संभावना थी कि इससे दो समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा हो सकती थी और सार्वजनिक शांति भंग हो सकती थी.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार मामले में आगे की कार्रवाई के लिए राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है. संदेश सेवा ‘टेलीग्राम’ पर एक ख़ास चैनल को सोशल मीडिया पर कुछ उपयोगकर्ताओं द्वारा चिह्नित किया गया, जिन्होंने बताया कि यह हिंदू महिलाओं को निशाना बना रहा था, उनकी तस्वीरें साझा करने के साथ ही उन्हें अपशब्द कह रहा था.
पिछले साल ‘सुली डील्स’ नामक ऐप की तरह ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने को लेकर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है. इस सिलसिले में बेंगलुरु से गिरफ़्तार किए गए छात्र को एक स्थानीय अदालत ने 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
दिल्ली पत्रकार संघ और इंडियन वीमेंस प्रेस कॉर्प्स ने ऐप के ज़रिये मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाए जाने पर रोष जताते हुए कहा कि अगर पुलिस ने कुख्यात 'सुल्ली डील' के दोषियों की पहचान कर ली होती, तो यह घटना दोहराई नहीं जाती.
पिछले साल ‘सुली डील्स’ नामक ऐप की तरह ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने को लेकर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है. पुलिस ने उत्तराखंड से एक महिला को भी हिरासत में लिया है. पुलिस के मुताबिक महिला और बेंगलुरु से गिरफ़्तार छात्र एक दूसरे को जानते हैं.
कर्नाटक के कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल का मामला. कोविड-19 की पहली लहर में पिछले साल जुलाई में जान गंवाने वाले दो लोगों के शव क़रीब डेढ़ साल से मुर्दाघर में पड़े हुए थे, जबकि उनके परिजनों को बताया गया था कि बंगलुरु महानगर पालिका द्वारा उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है.
कर्नाटक में धारवाड़ के एसडीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पाए गए अधिकतर संक्रमितों में लक्षण नहीं दिखे हैं, जबकि कुछ को हल्के लक्षण दिखाई दिए हैं. उन्हें क्वारंटीन में रखा गया है. ज़िला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर मेडिकल कॉलेज के 500 मीटर के दायरे में स्कूलों और कॉलेजों के लिए अवकाश घोषित कर दिया है. वहीं ओपीडी सेवाएं भी तीन दिनों के लिए बंद कर दी गई हैं.
कर्नाटक के धारवाड़ में एसडीएम चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे कम से कम 178 छात्रों के कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के बाद दो छात्रावासों को सील कर दिया गया है. वहीं, बंगलुरु के एक अंतर्राष्ट्रीय बोर्डिंग स्कूल के 33 छात्र और एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
कर्नाटक पुलिस ने हाईकोर्ट द्वारा संगठित अपराध की धाराएं लगाने के फ़ैसले को ख़ारिज करने के ख़िलाफ़ अपील करने की गुहार लगाई थी, लेकिन इस मामले में राज्य की भाजपा सरकार ने ढीला रवैया अपनाए रखा. बाद में गौरी लंकेश की बहन कविता ने इसके ख़िलाफ़ अपील दायर की थी.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मोहन नायक नामक आरोपी के विरुद्ध कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत जांच की मंज़ूरी देने संबंधी 14 अगस्त 2018 का पुलिस आदेश को निरस्त कर दिया था. इसे राज्य सरकार और गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
बेंगलुरु के सत्र न्यायालय ने कहा कि चूंकि आरोपी अलग-अलग जेलों में बंद हैं और उन्हें सुनवाई के दौरान एक साथ पेश नहीं किया जा सका है, जिसके चलते बार-बार आरोप तय करने की कार्यवाही टाली जाती रही है, इसलिए उन्हें एक जगह ट्रांसफर किया जाए.