एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने बीएसएनएल से कहा है कि वह उन सभी विकल्पों पर ध्यान दे, जिससे या तो कंपनी दोबारा खड़ी की जा सके या चरणबद्ध तरीके से पूंजी निवेश कम करते हुए इसे बंद करने के बारे में सोचा जाए.
कर्मचारी यूनियन का दावा है कि केंद्र सरकार ने बीएसएनएल को 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन इसलिए नहीं किया है ताकि वह जियो के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सके.