बिहार शिक्षा विभाग ने 28 फरवरी को एक समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसमें केवल दो विश्वविद्यालयों ने अपने प्रतिनिधि भेजे और 13 राज्य विश्वविद्यालयों के किसी भी कुलपति ने भाग नहीं लिया. इसके बाद विभाग ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए.
बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों में से कुछ ने कहीं और नौकरी करने के लिए इस्तीफ़ा दिया है और ज़्यादातर ने कथित तौर पर पिछले छह महीनों में बिहार शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा शुरू किए गए सुधारों के कारण नौकरी छोड़ी है. शिक्षकों के इस्तीफ़े का एक अन्य कारण ग्रामीण और दूरस्थ पोस्टिंग भी है.