बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: नीतीश कुमार के बयान पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम शुरू से कहते आ रहे है कि वो पूर्णत: थक चुके है और आज आखिरकार उन्होंने हमारी बात पर मुहर लगा दी. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ‘जंगलराज के युवराज’ को बिहार की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता को संबोधित एक पत्र लिखकर एनडीए को वोट करने की अपील की.
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित मोतीपुर चीनी मिल 1932 स्थापित की गई थी. 1980 में राज्य सरकार ने इसका संचालन अपने हाथ में लिया और वर्ष 1997 में यह बंद हो गई. आज हालात ये हैं कि बिहार में 28 में से सिर्फ 11 चीनी मिलें ही चल रही हैं. ये सभी चीनी मिलें सिर्फ़ छह ज़िलों में स्थित हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के आख़िरी चरण के मतदान से पहले एक चुनावी सभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश से बाहर करने की फालतू बातों का दुष्प्रचार किया जा रहा है.
मीडिया बोल: बिहार में मतदान का दूसरा चरण मंगलवार को संपन्न हो गया. मीडिया में राज्य के मुद्दों और लोगों के सरोकारों की अभिव्यक्ति किस तरह हो रही है? मीडिया बोल की इस कड़ी में टाइम्स ऑफ इंडिया पटना के पूर्व रेज़िडेंट एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता निवेदिता झा के साथ वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की बातचीत.
ग्राउंड रिपोर्ट: मुस्लिम और यादवों को आम तौर पर राजद का समर्थक माना जाता है, लेकिन मुस्लिमों का अंसारी समुदाय राजद द्वारा उनके नेताओं को राज्य की चुनावी राजनीति में समुचित प्रतिनिधित्व न देने को लेकर ख़ासा नाराज़ है.
बिहार चुनाव राउंडअप: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार में ‘जंगलराज’ लाने वालों को ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ से दिक्कत है. राजद प्रवक्ता मनोज झा ने प्रधानमंत्री तंज करते हुए कहा कि स्टेशन पर मरी पड़ी मां भी भारत मां थी. राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ने बिहार को लूटा है. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि 10 नवंबर को तेजस्वी यादव के आलोचक ‘खामोश’ हो जाएंगे.
प्रधानमंत्री के गब्बर शैली के चुनावी डायलॉग्स में तेजस्वी यादव और महागठबंधन के लिए चेतावनी-सी छुपी लगती है. शायद वे अपने जुमलों के ज़रिये यह जता रहे हैं कि जनता उन्हें भले बहुमत देकर सत्ता सौंप दे, मगर मोदी सरकार उन्हें राज नहीं करने देगी.
वीडियो: मधुबनी के एक गांव मोहम्मदपुर में एक शिक्षक मास्टर ज़करिया द्वारा फ़रोग़-ए-अदब लाइब्रेरी की स्थापना साल 1959 में की गई थी. लंबे समय तक इस पुस्तकालय ने सुचारू रूप से काम किया, लेकिन समय के साथ लोगों की रुचियां बदल गईं. फ़ैयाज़ अहमद वजीह और पावनजोत कौर की रिपोर्ट.
वीडियो: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम सवाल हैं. क्या बिहार का वोटर जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर वोट डालेगा या विकास के मुद्दे पर. बिहार में सबसे बड़ा धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग यानी कि मुसलमान किसे वोट देंगे? इन्हीं सवालों पर कुछ विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
विशेष रिपोर्ट: नीतीश कुमार इस समय अपने राजनीतिक जीवन के एक कठिन चुनाव का सामना कर रहे हैं. एक तरफ तेजस्वी यादव आक्रामक तरीके से उन पर निशाना साध रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जिस एनडीए गठबंधन का वे हिस्सा हैं, वहां भी उनके लिए सब कुछ ठीक नहीं है.
ग्राउंड रिपोर्ट: सीवान के गहिलापुर दरौली विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले के मौजूदा विधायक सत्यदेव राम चुनाव में खड़े हैं. बीते शनिवार को महागठबंधन के मुख्यमंत्री प्रत्याशी और राजद नेता तेजस्वी यादव उनके समर्थन में यहां रैली करने पहुंचे थे. इस चुनावी सभा का आंखों देखा हाल.
ग्राउंड रिपोर्ट: 80 के दशक में सीवान में शुरू हुई सूत मिल साल 2000 में मज़दूरों को उनका बकाया दिए बिना ही बंद हो गई. मज़दूरों को लगता था कि मिल दोबारा शुरू होगी, लेकिन चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार द्वारा यहां इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने के ऐलान के बाद उनकी रही-सही उम्मीदें भी ख़त्म हो गईं.
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के क़रीब चार लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त, पूर्ण वेतनमान जैसी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से नीतीश सरकार से ठनी हुई है. अब शिक्षक संघ और शिक्षकों का कहना है कि वे इस चुनाव में सरकार से आर पार की लड़ाई करने जा रहे हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव राउंडअप: कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि ‘चिराग’ से भाजपा अपना घर रोशन करना और नीतीश का घर जलाना चाहती है. चिराग पासवान ने दावा किया कि चुनाव बाद नीतीश राजग छोड़ देंगे. तेजस्वी बोले- बिहार चुनाव जनता बनाम नीतीश सरकार का है. जदयू नेता अशोक चौधरी का कहना है कि जनता तेजस्वी के बजाय नीतीश के अनुभव को वरीयता देगी.
वीडियो: बिहार में लालू प्रसाद यादव के 15 साल के शासन काल पर वरिष्ठ पत्रकार सतीश के. सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. रतन लाल और जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रो. रिज़वान क़ैसर से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.