तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके 82 वर्ष के जगन्नाथ मिश्रा लंबे समय से कैंसर और अन्य बीमरियों से जूझ रहे थे.
मामला बिहार के नवादा ज़िले का है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में कुल 12 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मुख्य आरोपी सहित चार अन्य को गिरफ़्तार कर पूछताछ की जा रही है. वहीं, झारखंड के गिरिडीह में जादू-टोना करने के शक में दो महिलाओं सहित तीन लोगों को कथित तौर पर मानव मल खाने को मजबूर किया गया.
आरोप है कि तीनों लोग मवेशी चोरी के लिए एक घर में घुसे थे, तब ग्रामीणों ने इन्हें पकड़कर बेरहमी से पिटाई की. मामले में अब तक पुलिस किसी को गिरफ़्तार नहीं कर सकी है.
बिहार पुलिस की विशेष शाखा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा बीते 28 मई को लिखे गए पत्र में आरएसएस और उसके 19 सहयोगी संगठनों के ज़िला स्तर के पदाधिकारियों के नाम, पता, टेलीफोन नंबर और व्यवसाय को लेकर एक रिपोर्ट मांगी गई थी.
वैशाली के एसपी एमएस ढिल्लन ने हाजीपुर के एसएचओ को इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए. आरोप है कि इन अधिकारियों ने जिले से तबादला होने के सालों बाद भी लंबित मामले अन्य अधिकारियों को नहीं सौंपे थे.
बिहार की पांच नदियां ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और 10 ज़िलों में स्थिति गंभीर है. सबसे ज़्यादा सीतामढ़ी ज़िला प्रभावित हुआ है. यहां करीब 11 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. पड़ोसी देश नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन में 60 लोगों की मौत.
कथित तौर पर एक लड़की के अपहरण मामले में पूछताछ के लिए जदयू के महादलित सेल के प्रखंड प्रमुख गणेश रविदास को पुलिसवाले थाने ले गए थे. जदयू नेता की मौत के बाद उनके गांववालों ने किया हिंसक प्रदर्शन.
अरबों रुपयों के चारा घोटाले के चार मामलों में से एक देवघर कोषागार गबन मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राजद प्रमुख को ज़मानत दी है, लेकिन अन्य दो मामलों में सज़ायाफ्ता होने के चलते उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा.
बिहार के रोहतास जिले के देवमुनि सिंह यादव के तीन बच्चे समय पर इलाज न मिलने के कारण लकवे का शिकार हो गए हैं. राज्य सरकार उनके बच्चों के इलाज की व्यवस्था कर पाने में असफल रही है, इसलिए उन्होंने अपने परिवार के लिए इच्छामृत्यु की मांग की है.
राज्यसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि बिहार में 2018 में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से 33 बच्चों की मौत हुई थी, जबकि 2019 में दो जुलाई तक 162 बच्चों की मौत हो चुकी है.
घटना वैशाली ज़िले के सराय की है, जहां मृतक को कथित तौर पर लोहा काटने वाले औज़ार के साथ एक घर के पास देखा गया था. पुलिस का कहना है कि उसने एक घर में चोरी की कोशिश की और पकड़ा गया.
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाख़िल कर ये जानकारी दी. हाल ही में चमकी बुखार के कारण राज्य में 150 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है.
साक्षात्कार: बिहार में इस साल अब तक एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के चलते मुज़फ़्फ़रपुर व उसके आसपास के ज़िलों में 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. यह बीमारी 1995 में सामने आई थी, तब से हर साल बच्चों की मौत हो रही है, कभी कम तो कभी ज़्यादा. इस बीमारी के तमाम पहलुओं को लेकर मुज़फ़्फ़रपुर में साढ़े तीन दशक से काम कर रहे प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अरुण शाह से उमेश कुमार राय की बातचीत.
बिहार में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से 150 से ज़्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. अकेले मुज़फ़्फ़रपुर में तकरीबन 132 बच्चे इस बीमारी से मारे जा चुके हैं.
घटना बिहार के वैशाली की है. आरोप है कि स्थानीय पार्षद कुछ लोगों के साथ एक महिला के घर में घुसे और उनकी नवविवाहिता बेटी से बलात्कार का प्रयास किया. उनके प्रतिरोध करने पर मां-बेटी का सिर मुंडवाकर गांव में घुमाया.