2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा 40 लाख कार्यकर्ताओं के लक्ष्य के साथ सभी मंदिर और गुरुद्वारों के आंकड़ों के साथ अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आंकड़े भी जुटा रही है, ताकि उनके वोट को साधा जा सके.
सूत्रों के अनुसार चैनल में हुए इन बदलावों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पिछले हफ्ते संसद भवन में कुछ पत्रकारों से कहते सुना गया था कि वे ‘एबीपी को सबक सिखाएंगे.’
आरोप है कि दूसरी जाति की एक महिला से शादी करने के कारण 60 साल के चतुरभुजा बांका को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था इसलिए लाश को ले जाने में किसी ने भी उनकी मदद नहीं की.
असम में एनआरसी मसौदा जारी होने के बाद से भाजपा नेता देश के विभिन्न राज्यों में एनआरसी की मांग कर रहे हैं. वहीं भाजपा महासचिव राम माधव का कहना है कि देश भर से रोहिंग्या घुसपैठियों को डिपोर्ट किया जाएगा.
असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?
कांग्रेस को लगता है कि उसने भाजपा की कमज़ोर नस पकड़ ली है और वह इसे 2019 के आम चुनाव तक हाथ से जाने नहीं देना चाहती है.
झारखंड में सामाजिक कार्यकर्ताओं को इन दिनों कई तरह के दबावों का सामना करना पड़ रहा है. कई लोगों पर मुक़दमे दर्ज हुए हैं तो कुछ लोगों की गिरफ़्तारी हुई है. वहीं, स्वामी अग्निवेश जैसे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राज्यसभा में बताया कि 2014 से अब तक मोदी सरकार विज्ञापनों पर कुल 4880 करोड़ रुपये की राशि ख़र्च कर चुकी है.
गोतस्करी के संदेह में अकबर ख़ान के साथ एक भीड़ द्वारा मारपीट मामले में मेव पंचायत ने दावा किया कि विधायक आहूजा ने घटना के बाद भड़काऊ बयान दिए और आरोपियों का समर्थन किया इसलिए उन्हें षडयंत्र रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया जाना चाहिए.
1 अगस्त को कॉलेज की एक सोसाइटी द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम में ममता बनर्जी को बुलाया गया था, लेकिन प्रिंसिपल द्वारा अनुमति न देने पर आमंत्रण वापस ले लिया गया. तृणमूल कांग्रेस ने इसके लिए आरएसएस और भाजपा को ज़िम्मेदार ठहराया है.
दोनों लड़कियां इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई करती हैं. बताया जा रहा है कि दोनों समाजवादी पार्टी की छात्र इकाई से जुड़ी हुई हैं.
पूर्वी दिल्ली के मंडावली क्षेत्र में तीन बहनें मंगलवार को मृत मिली थीं और उस समय से उनका पिता लापता है.
अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन वह शहरी मध्यवर्ग, जो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सड़कों पर उतर आया था, वह इस हिंसा पर उदासीन बना हुआ है.
कर्नाटक से भाजपा विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल ने करगिल विजय दिवस कार्यक्रम में कहा कि भारत को बुद्धिजीवियों से खतरा है. वे इसी मुल्क रहते हैं और भारतीय सेना के ख़िलाफ़ नारेबाजी करते है.
पूर्वी दिल्ली के मंडावली क्षेत्र में भूख से मरने वाली लड़कियों की उम्र दो, चार और आठ साल थी. मज़दूर पिता दो दिन से लापता है. मां मानसिक रूप से बीमार है. पीएम रिपोर्ट के मुताबिक वे आठ दिनों से भूखी थीं.