‘मुखौटा’ वाजपेयी हमेशा संघ के प्रति निष्ठावान रहे

नरेंद्र मोदी से इतर वे अपने ख़िलाफ़ लिखने वाले या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा निर्मित उनके विश्व बोध से इत्तेफ़ाक़ न रखने वाले पत्रकारों के प्रति भी विनम्रता और कोमलता के साथ पेश आते थे.

वाजपेयी को किसी एक फ्रेम में माला पहनाकर भुलाया नहीं जा सकता है

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय समाज के उस मर्म को बखूबी समझते रहे कि अति की सोच भारत जैसे लोकतांत्रिक-सेक्युलर देश में संभव नहीं है. इसलिए पीएम की कुर्सी पर बैठे भी तो उन विवादास्पद मुद्दों को दरकिनार कर जिस पर देश में सहमति नहीं है.

…जब वाजपेयी ने दी थी मोदी को राजधर्म निभाने की नसीहत

वीडियो: गुजरात दंगों के बाद पहली बार राज्य के दौरे पर गए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जब एक पत्रकार ने पूछा कि मुख्यमंत्री के लिए क्या संदेश है तब उन्होंने कहा, ‘राजधर्म का पालन करें.’

‘मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं: लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?’

तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी कुल मिलाकर 47 साल तक संसद के सदस्य रहे. वह 10 बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए.

‘हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा’

अपनी चिरपरिचित मुस्कुराहट, सौम्यता, शब्दों की विरासत और कई खट्टी-मीठी यादों को पीछे छोड़ कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अनंत यात्रा पर निकल गए.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बीते 11 जून को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था. एम्स ने निधन की पुष्टि की.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बेहद नाज़ुक, जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया

गुरुवार सुबह एम्स ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालात नाज़ुक बने रहने का बुलेटिन जारी किया. एम्स और पूर्व प्रधानमंत्री के आवास के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम. धारा 144 लागू. पिछले 11 जून को मूत्र नली में संक्रमण के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

स्वतंत्रता के सात दशक बाद मिली भीख मांगकर भूख मिटाने की ‘आज़ादी’ का ज़िम्मेदार कौन?

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है. अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए सरकार से पूछा था कि ऐसे देश में भीख मांगना अपराध कैसे हो सकता है जहां सरकार भोजन या नौकरियां प्रदान करने में असमर्थ है.

मोदी यह कहना बंद करें कि सवा सौ करोड़ जनता ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया है

जनता से सलाह मांगना एक अच्छा विचार है, लेकिन प्रधानमंत्री को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में क्या बोलना है, इसके लिए जनता से सलाह मांगना, 15 अगस्त के भाषण के गंभीर काम को लोकप्रिय फरमाइशी कार्यक्रम में तब्दील कर देता है.

‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार फिलहाल संभव नहीं: मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए सभी राजनीतिक दलों में सहमति होना ज़रूरी है. वहीं, एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में भाजपा की दलील है कि देश हमेशा चुनावी मोड में नहीं रह सकता.

15 अगस्त 1975 ​के लाल क़िले और 15 अगस्त 2018 के लाल क़िले का फ़र्क़

इमरजेंसी लगाकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘नए भारत’ का उद्घोष किया था. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘न्यू इंडिया’ का ऐलान करेंगे.

तेलंगाना: भाजपा विधायक ने गोरक्षा के मुद्दे पर छोड़ी पार्टी, कहा कि नहीं मिला सहयोग

तेलंगाना के गोशामहल से भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री पर गोहत्या को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. साथ ही बकरीद पर गोवंश न काटने की चेतावनी देते हुए कहा है कि गोरक्षा के लिए मरेंगे या मारेंगे.

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