जन गण मन की बात की 252वीं कड़ी में विनोद दुआ उपचुनाव परिणाम और भाजपा की चुनावी बयानबाज़ी में आए बदलाव पर चर्चा कर रहे हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर सका था.
चुनाव परिणाम से साफ़ है कि बिहार के अल्पसंख्यक भाजपा के तेवर और उसके नेताओं के नफ़रत से भरे बयानों से बेहद नाराज़ हैं और उससे भी ज़्यादा नाराज़गी नीतीश कुमार की चुप्पी को लेकर है.
चार लोकसभा और 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भाजपा के लिए सुखद नहीं रहे. विपक्ष ने 11 सीटें जीती, भाजपा और उसके सहयोगी तीन सीटों तक ही सीमित.
भाजपा को अन्य दलों से नौ गुना ज़्यादा चंदा मिला. सभी दलों को 2016-17 में ‘अज्ञात स्रोतों’ से 711 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें भाजपा की अज्ञात स्रोतों से आय 464.94 करोड़ रुपये रही.
वीडियो: विभिन्न राज्यों की चार लोकसभा और 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों का विश्लेषण कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु, अजय आशीर्वाद और कबीर अग्रवाल.
पेड़ पर लटका मिला युवक का शव, पास में कागज़ पर लिखा मिला कि इतनी कम उम्र में भाजपा के लिए काम करने का यही हश्र होगा.
महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट भाजपा ने जीत ली है. केरल में माकपा, उत्तराखंड में भाजपा, बिहार में आरजेडी जीती. चार लोकसभा और विभिन्न राज्यों की 11 विधानसभा सीटों पर हाल ही में उपचुनाव संपन्न हुए थे.
आम जनमानस में उर्दू मुसलमानों की भाषा बना दी गई है, शायद यही वजह है कि रमज़ान की मुबारकबाद देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उर्दू को चुना. सच यह है कि जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल जैसे कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उर्दू नहीं बोली जाती.
अगर आप केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ट्विटर टाइमलाइन देखेंगे, तो आपको पता नहीं लगेगा कि देश में क्या चल रहा है.
आंकड़ों पर ग़ौर करें तो भाजपा समर्थकों का यह दावा पूरी तरह से सही नहीं दिखता है. देश की कुल 4,139 विधानसभा सीटों में से सिर्फ़ 1,516 सीटें यानी करीब 37 फीसदी ही भाजपा के पास हैं और सिर्फ़ दस राज्यों में भाजपा की बहुमत वाली सरकार है.
चुनाव आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टियां सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आने वाले सार्वजनिक प्राधिकरण हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि कृषि ऋण माफी उनकी पहली प्राथमिकता है, अगर इसमें वे विफल रहे तो पद से इस्तीफा दे देंगे.
भाजपा के राज्यसभा सांसद अमर साबले ने कहा कि लोगों के खाते में 15 लाख रुपये जमा कराए जाएंगे, यह भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में कभी शामिल नहीं था.
आरटीआई के तहत भाजपा, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, बसपा और राकांपा के राजनीतिक चंदे की मांगी गई जानकारी के जवाब में आयोग ने ऐसा कहा. जबकि, इन दलों को 2013 में केंद्रीय सूचना आयोग आरटीआई के दायरे में लेकर आया था.