असम: हाईकोर्ट ने फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के आदेश को किया ख़ारिज, कहा- नागरिकता महत्वपूर्ण अधिकार है

ये मामला असम के मोरीगांव ज़िले के मोइराबारी निवासी असोरुद्दीन से जुड़ा हुआ है, जिन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में बुलाया गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हो सके थे और ट्रिब्यूनल ने उनका पक्ष जाने बिना ही उन्हें विदेशी घोषित कर दिया था.

फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल की वेबसाइट पर दंगा पीड़ितों की फोटो, परिवार को ‘विदेशी’ ठहराए जाने का डर

असम में साल 2012 में बोडो और बांग्ला भाषी मुस्लिमों के भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए थे. इस दौरान विस्थापित हुए एक परिवार की तस्वीर को राज्य सरकार के गृह विभाग ने फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के बारे में जानकारी देते हुए अपने पेज पर लगाया है.