मेडिकल जर्नल ‘द लांसेट’ में प्रकाशित तीन शोधपत्रों की शृंखला में कहा गया है कि दूध कंपनियां अपने उत्पादों को बेचने के लिए लैंगिक राजनीति के दांव-पेच भी अपनाती हैं. इसमें भ्रमित करने वाले दावों और राजनीतिक हस्तक्षेप से निपटने के लिए तुरंत सख़्त कार्रवाई की अपील की गई है.
फरवरी माह में गृहलक्ष्मी पत्रिका के मलयालम अंक के कवर पर स्तनपान कराती मॉडल का फोटो छपा था. जिसे अश्लील बताते हुए अदालत में याचिका लगाई गई थी.