क्या हम सबके घरों में हिंसा और अपराध पल रहा है…

2014 के बाद हिंसा जैसे इस समाज के पोर-पोर से फूटकर बह रही है. कहना होगा कि भारत के हिंदू समुदाय में हिंसा का भाव और दूसरे समुदायों से घृणा बढ़ी है. ग़ैर-हिंदू समुदायों में हिंदू विरोधी घृणा के प्रचार के उदाहरण नहीं मिलते हैं. यह घृणा और हिंसा एकतरफा है.

बुली बाई ऐप मामला: मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड से एक और छात्र को गिरफ़्तार किया

पिछले साल ‘सुली डील्स’ नामक ऐप की तरह ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने को लेकर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है. इस सिलसिले में बेंगलुरु से गिरफ़्तार किए गए छात्र को एक स्थानीय अदालत ने 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

बुली बाई ऐप का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा देना है: पत्रकार संघ

दिल्ली पत्रकार संघ और इंडियन वीमेंस प्रेस कॉर्प्स ने ऐप के ज़रिये मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाए जाने पर रोष जताते हुए कहा कि अगर पुलिस ने कुख्यात 'सुल्ली डील' के दोषियों की पहचान कर ली होती, तो यह घटना दोहराई नहीं जाती.

मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर विवाद: इंजीनियरिंग छात्र 10 दिन की न्यायिक हिरासत में

पिछले साल ‘सुली डील्स’ नामक ऐप की तरह ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने को लेकर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है. पुलिस ने उत्तराखंड से एक महिला को भी हिरासत में लिया है. पुलिस के मुताबिक महिला और बेंगलुरु से गिरफ़्तार छात्र एक दूसरे को जानते हैं.

‘बुली बाई’ साइट के ज़रिये मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें एक बार फिर ‘नीलामी’ के लिए पोस्ट की गईं

पिछले साल जुलाई महीने में ‘सुली डील्स’ नामक ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘ऑनलाइन नीलामी’ के लिए पोस्ट की गई थीं. इस संबंध में दिल्ली और नोएडा पुलिस ने अलग-अलग एफ़आईआर दर्ज की गई थी. हालांकि अब तक इसके ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई है. ‘बुली बाई’ पोर्टल मामले में भी केस दर्ज किया जा चुका है.