असम के दो छात्र संगठनों ने राज्य को नागरिकता संशोधन क़ानून के प्रभाव से बचाने के लिए राष्ट्रपति द्वारा बीते दिसंबर में बंगाल पूर्वी सीमांत नियमन, 1873 में किए गए संशोधनों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. अदालत का कहना है कि इस बारे में केंद्र का पक्ष सुने बिना कोई रोक नहीं लगाई जा सकती.