कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल के अपने आदेश में संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण-जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े मामलों में 'निष्पक्ष जांच' की ज़रूरत बताते हुए इसकी जांच सीबीआई द्वारा कराने का आदेश दिया था. बंगाल सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी थी.