अगर अगड़ी जाति को संविधान सम्मत और समता-मूलक समाज के अनुरूप अपने वैश्विक दर्शन को ढालना है, तो अपने विशेषाधिकारों पर सवाल करना होगा.
अगर अगड़ी जाति को संविधान सम्मत और समता-मूलक समाज के अनुरूप अपने वैश्विक दर्शन को ढालना है, तो अपने विशेषाधिकारों पर सवाल करना होगा.