कैग की रिपोर्ट बताती है कि नेशनल हाईवे-48 पर भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से इसके समानांतर 14-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग के तौर पर विकसित द्वारका एक्सप्रेसवे को सीसीईए द्वारा 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर अनुमोदित थे. हालांकि इसे 250.77 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत से बनाया गया.
अखिल भारतीय किसान सभा ने कहा, धान के एमएसपी में 200 रुपये की वृद्धि किसानों के साथ ऐतिहासिक विश्वासघात है.