डाकुओं के लिए कुख्यात चंबल क्षेत्र के कई डाकुओं ने नागरिक समाज संगठन तरुण भारत संघ की मदद और प्रोत्साहन के बाद हिंसा, लूटपाट और बंदूकें छोड़कर जल संकट से जूझ रहे इस इलाके में पानी के संरक्षण का बीड़ा उठाया है. विश्व जल शांति दिवस के मौक़े पर इनमें से कइयों को सम्मानित भी किया गया.
विशेष रिपोर्ट: मुरैना ज़िले के राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में बतौर अधीक्षक तैनात श्रद्धा पांढरे ने अप्रैल में पदभार संभालने के बाद से ही क्षेत्र के रेत खनन माफिया के ख़िलाफ़ लगातार कार्रवाई की. इस दौरान उन पर ग्यारह हमले भी हुए. अब तीन महीनों के कार्यकाल के बाद ही 'रूटीन कार्रवाई' बताते हुए उनका तबादला कर दिया गया.