मीडिया बोल की 78वीं कड़ी में उर्मिलेश वरिष्ठ पत्रकार क़ुर्बान अली और प्रोफेसर विवेक कुमार से पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर चर्चा कर रहे है.
छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में लौटी. कांग्रेस नेता ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंहदेव ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा तैयार किए गए रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के 68 में से 48 विधायक, भाजपा के 15 में से 14 विधायक, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सभी पांच विधायक और बसपा के दो में से एक विधायक करोड़पति हैं.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की 15 साल बाद वापसी. राजस्थान में लगातार पांचवीं बार सरकार बदली, भाजपा को मिली हार. तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति और मिज़ोरम में मिज़ो नेशनल फ्रंट को बहुमत.
90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 66, भाजपा 17, बसपा तीन और अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस ने चार सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं.
विशेष रिपोर्ट: 20 नवंबर को आखिरी चरण की वोटिंग के बाद मतों की गिनती में तकरीबन 47 हज़ार मतों का इज़ाफ़ा हुआ है.
छत्तीसगढ़ के भटगांव विधानसभा के पांच, सीतापुर विधानसभा के दो, जांजगीर-चांपा ज़िले के दो, कोरबा ज़िले और बालोद ज़िले के एक-एक गांव के लोगों द्वारा मतदान न करने की सूचना.
दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ के 19 ज़िलों की 72 विधानसभा सीटों पर हुआ मतदान. पहले चरण की 25 सीटों पर 76 प्रतिशत मतदान हुआ था.
18 विधानसभा सीटों के लिए कुल 190 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. राजनांदगांव सीट पर मुख्यमंत्री रमन सिंह को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला चुनौती दे रही हैं.
कांग्रेस ने कहा यह ग़लत और अहंकार भरा बयान है. प्रधानमंत्री का ओछा चुनाव प्रचार छत्तीसगढ़ में काम नहीं करेगा.
विशेष रिपोर्ट: छत्तीसगढ़ की उन 18 विधानसभा सीटों का गणित, जिन पर पहले चरण में 12 नवंबर को मतदान होने वाले हैं.
पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के लिए बुलाये गए संवाददाता सम्मेलन को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल गंभीर हैं.
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में एक साथ 11 दिसंबर को मतगणना होगी.
चुनाव आयोग लगातार अपनी विश्वसनीयता से खिलवाड़ कर रही है. गुजरात विधानसभा की तारीख़ तय करने के मामले में यही हुआ. यूपी के कैराना में उपचुनाव हो रहे थे, आचार संहिता लागू थी और आयोग ने प्रधानमंत्री को रोड शो करने की अनुमति दी.