2012 में दिल्ली के छावला इलाके में तीन लोगों ने एक 19 वर्षीय युवती को अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया और उनकी हत्या कर दी थी. 2014 में इस मामले को निचली अदालत ने ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ क़रार देते हुए तीनों आरोपियों को मौत की सज़ा सुनाई थी. बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इसे बरक़रार रखा था.