ग्राउंड रिपोर्ट: नौ नवंबर को शिवपुरी ज़िले के रामनगर गधाई गांव में खेत के पास एक पुलिया बनाने को लेकर हुए विवाद के बीच कथित तौर पर पुलिस के लाठीचार्ज में दस महीने के शिशु की मौत हो गई. पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके परिवार की महिलाओं को पीटा गया और अब उन्हीं के परिवार के पंद्रह सदस्यों के ख़िलाफ़ संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
शिवपुरी जिले के रामनगर गढ़ाई गांव का मामला है. पुलिस के अनुसार, पाइप लाइन डालने को लेकर ग्रामीणों का एक ठेकेदार से विवाद हो गया था. ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मांगे जाने पर मंगलवार को जब पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने पथराव कर दिया, इसमें उप निरीक्षक सहित तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. लोगों ने बच्चे की मौत के लिए पुलिस के बल प्रयोग को जिम्मेदार ठहराया है.
विशेष रिपोर्ट: राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में पिछले एक महीने में 100 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी. अस्पताल में साल 2019 में बच्चों की मौत का आंकड़ा 963 है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के अन्य अस्पताल भी कोटा से बेहतर स्थिति में नहीं हैं.
राजकोट के सिविल अस्पताल में बीते तीन महीनों में 269 बच्चों की मौत हुई, जिसमें सबसे अधिक जानें दिसंबर में गईं. अधिकारियों के मुताबिक इन बच्चों की मौत की वजह अस्पतालों में बच्चों के इलाज की उचित व्यवस्था न होना है.
कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में परोक्ष रूप से अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि एक साल से हम लोग शासन चला रहे है तो हमारी जनता के प्रति जवाबदेही है और हमारी जिम्मेदारी बनती है.
राजस्थान के जोधपुर जिले के डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में एक महीने में 146 बच्चों ने दम तोड़ा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दिसंबर महीने में अस्पताल में भर्ती बच्चों की तुलना में बच्चों की मौत की यह संख्या बहुत कम है.
राजस्थान के कोटा जिले के सरकारी जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम दो दिन में कम से कम नौ और शिशुओं की मौत के बाद मृतक बच्चों की संख्या बढ़कर 104 हो गई है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार बीमार शिशुओं की मौत पर पूरी तरह संवेदनशील है और इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर उठाए सवाल.
राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में पिछले पांच दिन में 14 और शिशुओं की मौत हो गई है. अस्पताल की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, 24 दिसंबर तक 77 शिशुओं की यहां मौत हुई थी, इनमें से 10 शिशुओं की मौत 23 दिसंबर और 24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर हुई थी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह टिप्पणी कोटा के जेके लोन अस्पताल में 48 घंटे में दस बच्चों की मौत होने के मामले में बोलते हुए की है, जिसमें नवजात शिशु भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि बीते छह साल में सबसे कम जानें इस साल गई हैं. एक बच्चे की मौत भी दुर्भाग्यपूर्ण है.
राजस्थान के कोटा में जेके लोन अस्पताल में 48 घंटे में दस बच्चों की मौत हुई है, जिसमें नवजात शिशु भी शामिल हैं. अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों की ओर से किसी तरह की लापरवाही होने से इनकार किया है.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में कार्यरत रहे डॉ. कफ़ील अहमद ख़ान सात महीने से जेल में बंद हैं.
अस्पताल ने कहा, इनमें से अधिकतर मौतें शिशुओं को अंतिम स्थिति में लाए जाने के कारण हुईं, उनके बचने की गुंजाइश बहुत कम थी.