कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कुछ निजी रिफाइनरों के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इंडियन ऑयल ने भी चीन की मुद्रा युआन में रूस से आयातित कच्चे तेल का भुगतान करने की सूचना दी है, जबकि भारतीय उपभोक्ताओं को कच्चे तेल के सस्ते आयात से कोई लाभ नहीं मिला है.