छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानवाधिकारों की चिंताजनक स्थिति पर एक हालिया रिपोर्ट कहती है कि सुरक्षा बलों के शिविरों को सरकार माओवादी आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए ज़रूरी बताती है, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि शिविरों से उन्हें अधिक असुरक्षा महसूस होती है.