पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोहराया कि शरणार्थियों के मतों के बल पर सरकार में चुने जाने के बाद उन्हें इस देश का नागरिक नहीं माना जा रहा. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने देश के प्रधानमंत्री को चुनने के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, उन्हें नागरिकता का प्रमाण देने की आवश्यकता क्यों है.
आज के नव उग्र-राष्ट्रवादी समय में यह याद करना फ़ायदेमंद होगा कि परिपक्व राष्ट्र युद्ध के समय भी साधारण व्यक्तियों या सुपरस्टारों को भी आधिकारिक ‘लकीर’ से अलग चलने की आज़ादी देता है.