कछार ज़िले की दुलुबी बीबी की नागरिकता साल 1997 के विधानसभा चुनाव की वोटर्स लिस्ट में दर्ज नाम के आधार पर संदिग्ध मानी गई थी और 2017 में उन्हें फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने 'विदेशी' घोषित कर दिया था. वे दो साल डिटेंशन सेंटर में रहीं. अब ट्रिब्यूनल ने उनके द्वारा दिए गए दस्तावेज़ों को सही माना है.
असम में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल द्वारा 'विदेशी' घोषित किए गए और अदालत द्वारा वीज़ा उल्लंघन के दोषी ठहराए गए 45 पुरुष, 21 महिलाएं और दो बच्चों को गोआलपाड़ा में केंद्र के निर्देश पर बने देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर- मटिया ट्रांजिट कैंप में भेजा गया है.
नागरिकता अधिनियम की धारा-6ए विशेष प्रावधान के तहत शामिल की गई है ताकि असम समझौते के तहत आने वाले लोगों की नागरिकता से संबंधित मामलों से निपटा जा सके. क़ानून का यह प्रावधान बांग्लादेश से असम आने वालों के लिए 25 मार्च 1971 की ‘कट ऑफ तारीख’ तय करता है.