उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात का समय न मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय ने उन्हें एक खुला पत्र लिखकर कहा कि नागरिकता क़ानून के विरोध-प्रदर्शन में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ राज्य सरकार की ‘प्रतिशोध की भावना’ से की गई कार्रवाई निंदनीय है.
विशेष अदालत ने उनकी हिरासत 10 दिन बढ़ाने के लिए एनआईए की अर्जी खारिज कर दी. गोगोई को यूएपीए कानून के तहत 12 दिसंबर को जोरहाट से तब गिरफ्तार किया था, जब असम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा था.
इससे पहले विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में देश भर में 25 लोगों की मौत हो चुकी थी. इसमें से कम से कम 18 लोगों की मौत अकेले उत्तर प्रदेश में हुई थी.
पिछले दो दशकों में कांग्रेस का इतनी गहराई तक ग़ैर-सांस्थानीकरण हो चुका है कि गांधी परिवार से बाहर जाकर विचार करने की इसकी सामूहिक क्षमता समाप्त हो गई है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान यूपी पुलिस द्वारा मानवाधिकार हनन की कई घटनाएं हुई हैं. युवकों की मौतों की कई खबरें आईं, जो मुख्य रूप से पुलिस कार्रवाई के दौरान लगी गोलियों के चलते हुईं और पुलिस ख़ुद सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर रही है.
नागरिकता क़ानून को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में पुलिस और ज़िला प्रशासन ने लोगों को नोटिस भेजा है. इसके अलावा कानपुर, फ़िरोज़ाबाद और मऊ समेत कई अन्य शहरों की पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए उनकी तस्वीरों का पोस्टर जारी किया है. इससे पहले रामपुर में 25 लाख रुपये की भरपाई के लिए 28 लोगों को नोटिस भेजा गया था.
जॉइंट एक्शन कमेटी के तहत नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध करने वाले बीएचयू के छात्रों ने कहा कि उनके दर्जनों साथियों को 19 दिसंबर से ही गिरफ्तार किया गया है. कमेटी के सदस्य और एमए फर्स्ट ईयर के छात्र प्रियेश पांडे ने कहा कि गिरफ्तार किए गए 12 लोगों में से तीन पीएचडी छात्र, आठ एमए छात्र और एक बीए का छात्र है.
असम में नागरिकता क़ानून को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई को यूएपीए के तहत मामला दर्ज 12 दिसंबर को गिरफ़्तार किया गया था. असम की एक अदालत ने उन्हें 17 दिसंबर को 10 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया था.
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा निकाली. कमलनाथ ने कहा कि एनपीआर को हम लाना चाहते हैं, लेकिन इसके साथ एनआरसी को जोड़कर नहीं.
इतिहासकार इरफान हबीब ने देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई पर कहा कि औपनिवेशिक काल में भी हमने विरोध का इस तरह दमन नहीं देखा. विरोध को इस तरह कुचलने के प्रयासों को लेकर लोग काफी चिन्तित हैं क्योंकि विरोध करने का अधिकार लोकतांत्रिक समाज का हिस्सा है.
जिस नागरिकता क़ानून को गांधी जी और भारतीयों ने आज से 113 साल पहले विदेशी धरती पर नहीं माना, उस औपनिवेशिक सोच से निकले सीएए और एनआरसी को हम आज़ाद भारत में कैसे स्वीकार कर सकते हैं?
उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के दौरान घायल मोहम्मद शफ़ीक़ नई दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि बीते 20 दिसंबर को काम से घर लौटने के दौरान पुलिस ने उनके सिर में गोली मार दी थी.
फिल्मकार और संगीतकार विशाल भारद्वाज ने सवाल उठाया है कि तोड़-फोड़ में पुलिस के कथित रूप से शामिल होने की खबरें सामने आने के बाद क्या इस मामले की कोई न्यायिक जांच होगी.
नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर उत्तर प्रदेश के रामपुर में हुई हिंसा के संबंध में प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी किए हैं. नोटिस में इन 28 लोगों को हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का ज़िम्मेदार बताया गया है.
भारतीय जनता पार्टी के यूथ विंग द्वारा हाल ही में नागरिकता क़ानून के पक्ष में जारी किए वीडियो में बंगाली फिल्मकार ऋत्विक घटक की फिल्मों के क्लिप इस्तेमाल किए गए हैं. घटक के परिवार ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि ऋत्विक सेकुलर थे और यह क़ानून उन सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है, जिन्हें वे मानते थे.