30 जुलाई को एनआरसी का अंतिम मसौदा जारी होने के बाद चुनाव आयोग ने कहा था कि एनआरसी से नाम हटने का का मतलब मतदाता सूची से नाम हटना नहीं है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के कई नेता असम में एनआरसी की अंतिम सूची आने से पहले ही 40 लाख लोगों को घुसपैठिया बता चुके हैं.
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर भाजपा पूरे देश में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने को तैयार है. लेकिन सही मायने में केंद्र सरकार को देश की जनता एवं संसद को यह बताना चाहिए कि उसकी कार्ययोजना इस सूची से बाहर किए गए 40 लाख लोगों को लेकर क्या रहेगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 के तहत मतदाता के पंजीकरण के लिए तीन जरूरी अनिवार्यताओं में आवेदक का भारत का नागरिक होना, न्यूनतम आयु 18 साल होना और संबद्ध विधानसभा क्षेत्र का निवासी होना शामिल है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक फ़ायदे के लिए असम में लाखों लोगों को राज्य विहीन करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने कहा, भारी संख्या में भारतीयों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया गया.
एनआरसी को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हुई.
एनआरसी को लेकर विपक्ष भाजपा सरकार पर हमलावर. ममता बनर्जी ने पूछा, जिन 40 लाख लोगों के नाम रजिस्टर में नहीं है वे कहां जाएंगे? क्या केंद्र के पास इन लोगों के लिए कोई पुनर्वास कार्यक्रम है?
दुनिया भर में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर है, जिसके अरबपति नागरिकता छोड़ देते हैं. 2015 और 2017 के बीच 17,000 अति अमीर भारतीयों ने प्यारे भारत का त्याग कर दिया.