उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट डालने के आरोप में काकादेव इलाके से गिरफ़्तार व्यक्ति की पहचान गौरव राजपूत के रूप में हुई है. वहीं, राज्य के बलिया ज़िले में पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में पुलिस ने एक अन्य युवक को भी गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है.
कानपुर पुलिस ने बुधवार को कानपुर हिंसा के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों को गिरफ़्तार किया. इन तीनों को 2019 में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भी गिरफ़्तार किया गया था. इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हक़ीमुद्दीन क़ासमी ने कानपुर का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. कानपुर हिंसा के संबंध में एकतरफ़ा कार्रवाई पर उन्होंने गंभीर चिंता व्यक्त की.
गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 14-16 मई तक हुए सालाना कार्यक्रम 'टेक सृजन' में इंडोनेशिया की पाॅप सिंगर जुबैला का एक परफॉरमेंस हुआ था. 19 मई को एबीवीपी कार्यकर्ता इसे 'अश्लील' बताते हुए यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां छात्रों से विवाद के बाद दोनों पक्षों में मारपीट हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए. एबीवीपी की शिकायत पर दो शिक्षकों पर केस दर्ज किया गया है.
मालवीय नगर के बेगमपुर के एक मदरसे में पढ़ने वाले आठ वर्षीय मोहम्मद अज़ीम का खेल के दौरान कुछ बच्चों के साथ झगड़ा हो गया था. पुलिस ने केस दर्ज कर चार आरोपी बच्चों को हिरासत में लिया है, जिनकी उम्र 12 से 13 साल के बीच है.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल संघर्ष और हिंसा के चलते तकरीबन साढ़े चार लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
सहारनपुर और फतेहपुर की हिंसा अगर पिछली सरकार के दौर में हुई होती, तो भाजपा समाजवादी पार्टी के खिलाफ ‘गुंडाराज’ का आरोप लगाते हुए आसमान सिर पर उठा चुकी होती.
सहारनपुर के सड़क दूधली गांव में गुरुवार को प्रतिबंध के बावजूद निकाली गई आंबेडकर शोभायात्रा के दौरान जमकर हुई थी हिंसा.
सहारनपुर के सड़क दूधली गांव में इजाज़त नहीं होने के बावजूद निकाली शोभायात्रा, एक समुदाय की ओर से पथराव के बाद जमकर उपद्रव हुआ.