केंद्र सरकार पिछले चार सालों से 'जल जीवन मिशन' के तहत पूरे देश में 'हर घर नल से जल' योजना को यूं प्रचारित कर रही है कि आज़ादी के बाद पहली बार सरकार ने आम आदमी के घर तक पेयजल पहुंचाने का प्रबंध किया है. हालांकि, ज़मीनी हक़ीक़त सरकार के दावों के विपरीत है.
ज़मीनों का बढ़ी हुई दर से मुआवज़ा देने, आबादी की समस्याओं का निस्तारण संबंधी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नोएडा के 81 गांवों के किसान प्राधिकरण के ख़िलाफ़ पिछले 28 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार को प्रदर्शन के बाद 1,000 से अधिक लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. किसानों का कहना है कि इस सुनियोजित शहर (नोएडा) के विकास के लिए अपनी ज़मीन देने वाले किसानों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
एनजीटी ने कहा कि उसके आदेश के अनुपालन में हो रही देरी के कारण लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. एनजीटी एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जो आरओ सिस्टम के अनावश्यक उपयोग के कारण इस पर रोक लगाकर पीने योग्य पानी के संरक्षण की मांग कर रहा है.