लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम साल 2013 में लोकसभा और राज्यसभा की सहमति से पास हुआ था. लेकिन पिछले चार सालों में लोकपाल का चयन नहीं हो पाया है.
एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 27 अप्रैल, 2017 के फैसले के बावजूद अभी तक लोकपाल की नियुक्ति की दिशा में कोई क़दम नहीं उठाए जाने का मुद्दा उठाया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफआईआर में राकेश अस्थाना का नाम नहीं है और प्रशांत भूषण द्वारा मीडिया में दी गई जानकारी तथ्यात्मक तौर पर ग़लत हैं.