मध्य प्रदेश में इंदौर ज़िले का मामला. पीड़ित मुस्लिम परिवार ने आरोप लगाया है कि भीड़ में शामिल लोग ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे थे. हालांकि पुलिस का कहना है कि ये पैसे को लेकर विवाद है. पुलिस ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया कि तय तारीख़ तक हिंदू बाहुल्य गांव ख़ाली करने का फ़रमान नहीं माने जाने पर मुस्लिम परिवार पर भीड़ ने हमला किया था.
ये मामला दिल्ली के आदर्श नगर में एक फ्लाईओवर पर बने मज़ार से जुड़ा हुआ है. बीते दिनों हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े कुछ युवक वहां पहुंचते हैं और मौलवी से सवाल-जवाब करते हुए बहसबाज़ी पर उतर आते हैं. तब बीचबचाव के लिए एसएचओ आ जाते हैं. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. दिल्ली पुलिस का दावा है कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मद्देनज़र उन्हें निलंबित किया गया है, लेकिन कार्रवाई को इस घटना से जोड़कर
मामला अलीगढ़ का है, जहां एक हिंदू परिवार ने जलेसर के पीर बाबा में आस्था के चलते अपने घर में दो छोटी मज़ार बनाई हुई थीं. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा 'हिंदुओं के धर्मांतरण की साज़िश रचने' का आरोप लगाने के बाद इन्हें हटा दिया गया.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, एनजीओ के पदाधिकारियों, कर्मचारियों और हर सदस्य को यह प्रमाणित करना होगा कि धर्मांतरण कराने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए न तो उसे सज़ा हुई है और न ही दोषी ठहराया गया है.
महोबा ज़िले में चरखारी कोतवाली क्षेत्र के सालट गांव में उर्स के दौरान बिरयानी परोसने की वजह से तनाव. एफआई गांव में पुलिस बल तैनात. चरखारी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि 23 नामजद और 20 अज्ञात मुस्लिमों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
करात ने कहा, 'ये वीडियो किसी एक समुदाय द्वारा किसी विशेष समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने और उन्हें धमकाने वाले हैं.'
ग्राउंड रिपोर्ट: अलीगढ़ के टप्पल में ढाई साल की बच्ची की नृशंस हत्या के बाद क़स्बे में तनाव का माहौल है. जहां आरोपियों के मुसलमान होने के चलते घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, वहीं स्थानीयों का कहना है कि हिंदू-मुसलमान साथ मिलकर बच्ची के लिए इंसाफ़ की लड़ाई लड़ेंगे.
पुलिस के अनुसार, शनिवार शाम जब रामनवमी का जुलूस सिलनी गांव से होकर गुजर रहा था उसी समय दूसरे संप्रदाय के लोगों ने यह सोचकर कि जुलूस में शामिल लोग अपना रास्ता बदल रहे हैं उन पर पथराव शुरू कर दिया जबकि जुलूस अपने निर्धारित मार्ग पर ही था.
25 नवंबर को अयोध्या में हिंदू संगठनों के जुटान पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.
विशेष रिपोर्ट: बीते अप्रैल में रामनवमी के दौरान बिहार में सांप्रदायिक हिंसा की कई घटनाएं हुई थीं. अब पिछले कुछ हफ़्तों में राज्य के विभिन्न ज़िलों से बड़ी तादाद में पुलिस ने तलवारें बरामद की हैं.
जन गण मन की बात की 239वीं कड़ी में विनोद दुआ देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिशों और राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बयान पर चर्चा कर रहे हैं.
कोडरमा ज़िले के नावाडीह गांव में भीड़ ने कई घरों में तोड़फोड़ के साथ ही वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. गांव में धारा 144 लागू की गई.
पुलिस के मुताबिक जिला प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करते हुए विश्व सनातन संघ के कार्यकर्ता मिशनरी संचालित कॉलेज में ग़ैर क़ानूनी तरीके से भारत माता की आरती करने जा रहे थे.
कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा चलाए जा रहे संस्थान लगातार एबीवीपी के निशाने पर हैं.
पिछले दो-तीन दशकों में ‘सांप्रदायिक चेतना का ग्रामीणीकरण’ हुआ है. परंपरागत भारतीय समाज में हमारे बुज़ुर्गों ने सांप्रदायिकता से निपटने के लिए अपनी एक प्रणाली विकसित की थी.