पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अगुवाई वाली सीपीएन-यूएमएल द्वारा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उन्हें विश्वास मत का सामना करना पड़ा था. 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में केवल 63 सदस्यों ने प्रचंड के प्रति समर्थन जताया.
नेपाल में हुए ऐतिहासिक संसदीय और स्थानीय चुनावों में पार्टी की बुरी हार के करीब दो महीने बाद शेर बहादुर देउबा ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया.
फर्स्ट पास्ट द पोस्ट (एफपीटीपी) प्रणाली के तहत मतगणना समाप्त. सीपीएन-यूएमएल 80 सीटें जीतकर बनी सबसे बड़ी पार्टी.