विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों के पालन में कमी भी वर्तमान हालात के लिए ज़िम्मेदार रही. दक्षिण पूर्वी एशिया में कोरोना वायरस के कुल मामले और मौतों में भारत की 95 एवं 93 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. वहीं यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो 50 फ़ीसदी मामले और 30 फ़ीसदी मौतें भारत में हो रही हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने पूर्ण लॉकडाउन के खतरनाक परिणामों को लेकर चेताया है. देश में दोबारा बढ़ रहे कोरोना संक्रमण मामलों के बीच विभिन्न राज्यों में पाबंदियों और आंशिक लॉकडाउन को फिर से लागू किया जा रहा है.
केरल के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा राज्य है, जिसने इस महामारी के सामुदायिक प्रसार की बात को स्वीकार किया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अस्पताल बोर्ड के प्रमुख ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस का सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इसकी पुष्टि किया जाना अभी बाकी है.
दिल्ली में बीते सप्ताह कोरोना टेस्ट कराने वाले लोगों में से लगभग 30.5 प्रतिशत लोग संक्रमित पाए गए. सात जून को समाप्त हुए हफ़्ते में यह दर 23 फ़ीसदी और इससे पिछले हफ़्ते में 14 फ़ीसदी थी.