वीडियो: उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर इलाके में पिछले साल हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान तमाम दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया था. दुकानदारों का दावा है कि उन्होंने जितनी क्षतिपूर्ति का दावा किया था, उससे काफ़ी कम मुआवज़ा उन्हें प्रदान किया गया.
पति की साल 2017 में मौत हो जाने के बाद परिवार से अलग रह रही महिला ने शीर्ष न्यायालय का रुख़कर वित्तीय राहत और संरक्षण का निर्देश देने का अनुरोध किया है.
गोधरा ट्रेन नरसंहार के अगले दिन 28 फरवरी 2002 की रात को सरदारपुरा गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के 33 लोगों को ज़िंदा जला दिया गया था, जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे.
देश की पहली निजी ट्रेन दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस 19 अक्टूबर को तीन घंटे से भी अधिक देरी से चली थी, जिसके लिए आईआरसीटीसी द्वारा उस दिन सफर करने वाले 950 यात्रियों को मुआवज़ा दिया जाएगा.
ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश में वाराणसी के कचनार गांव में जुलाई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक रैली के लिए तकरीबन 10 एकड़ की ज़मीन का इस्तेमाल किया गया था. इस ज़मीन की फसल बर्बाद होने की वजह से प्रशासन ने स्थानीय किसानों को मुआवज़ा देने की बात कहीं थी.
गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को आग लगा दी गई थी. इसमें 59 लोगों की जान गई थी, जिनमें से सात लोगों की अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई. इस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था.
झारखंड के लातेहार ज़िले के बालूमाथ में साल 2016 में दो पशु व्यापारियों की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. मृतकों के परिवारों ने झारखंड सरकार से उचित सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही मुआवज़े की मांग की है.
गैस त्रासदी से प्रभावित लोगों का कहना है कि सरकार पीड़ितों को लेकर गंभीर नहीं है.
पीठ ने कहा, उच्च न्यायालय राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012 से 2015 के दौरान अस्वाभाविक मृत्यु के शिकार हुए कैदियों के परिजनों की पहचान करें.
संसद की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर 31 सदस्यीय संसदीय स्थायी समिति ने की सिफारिश.