उत्तर प्रदेश की कुछ परियोजनाओं से जुड़ी जनहित याचिकाओं को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में एक रेल परियोजना पर रोक लगाने का निर्देश भी दिया. कोर्ट का कहना था कि 2022 के आदेश के अनुसार, रेल विकास निगम लिमिटेड ने 50,000 से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा नहीं किया.
इस नई योजना के ज़रिये व्यक्तियों या निजी कंपनियों को ये अनुमति मिल जाएगी कि वे भूमि की पहचान कर वनीकरण करें और वन भूमि की क्षतिपूर्ति के लिए उद्योगों को इसे बेच सकें.
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की पूर्वी किदवई नगर पुनर्विकास परियोजना के ख़िलाफ़ आस-पास के रहवासियों ने आवाज़ तो उठाई, लेकिन अब उन्हें बड़े पैमाने पर चल रही इस परियोजना से उपजी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
हरे पेड़ों को काटने के एवज में नए पेड़ लगाना ऐसी एजेंसियों का पसंदीदा हथियार है, जो समाज और पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान की कीमत पर भी विकास को बढ़ावा देना चाहती हैं. उनका मानना है कि पारिस्थितिकी बदलना शहरी विकास के वर्तमान तरीकों को बदलने से ज़्यादा आसान है.